अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren
सारिका मुकेश का ब्लॉग
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Sunday, 5 August 2012
दिल में जो दर्द है आँखों में छुपा लेते हैं
,
हम तेरी याद को पलकों पे सजा लेते हैं
!
किस्सा अब तेरी बेवफाई का यूँ आम हुआ
,
गैर तो गैर अब अपने भी मजा लेते हैं
!
1 comment:
मनोज कुमार
7 August 2012 at 23:39
वाह-वाह!!
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