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Sunday, 26 August 2012

महाभारत/कृष्ण/द्रौपदी पर 15 हाइकू


भीष्म तुम भी
देखते रहे सब
क्यों चुपचाप?          

वाह रे कृष्ण
सारथी बने तुम
प्रेम के लिए             

स्वयं को हार
द्रौपदी को लगाया
कैसे दाँव पे?              

युद्ध-भूमि में
कृष्ण दें अर्जुन को
गीता-संदेश             

बताना कृष्ण
कौन है तुम्हें प्रिय
राधा या मीरा?

रास रचाते
अब भी मथुरा में
क्या तुम कृष्ण?        

निधि-वन में
सुना है आज तक
रास रचाते                

निधि-वन में
गोपियों संग कृष्ण
रास रचाते              

अभी भी आते
क्या तुम हर रात
निधि-वन में             

पाँच पाँडव
जीतें महाभारत
साथ थे कृष्ण            

सारथी बन
तुमने अर्जुन का
चलाया रथ             

भूली नहीं वो
होना चीर-हरण
लिया बदला            

महाभारत
अन्याय के खिलाफ
बिछी बिसात           

भूलो ना कभी
होना चीर-हरण
बना मरण               

नारीबेचारी!
द्रौपदी सीता पड़ीं
कितनी भारी           
          *******

11 comments:

  1. सम्पूर्ण अभिव्यक्ति ...पढ़ना और समझना सुखद रहा ....आभार

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    1. प्रतिक्रिया और स्नेह के लिए हार्दिक आभार!

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  2. आलोड़ित करती भाव सरणियों को नारी शोषण की पीड़ा और सवालों को कोंचती चली गई हैं तमाम हाइकु .बहुत सुन्दर .
    कृपया यहाँ भी पधारें -.
    ram ram bhai
    रविवार, 26 अगस्त 2012
    एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
    एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis

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    1. प्रतिक्रिया से मनोबल बढाने हेतु आभार!

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  3. नारी बेचारी !
    द्रौपदी और सीता !
    कितना पड़ी भारी !
    बढ़िया बिम्ब चेतावनी ,माँ की कोख को बेटियों का शमशान बनाने वालों को .
    द्रुत टिपण्णी के लिए आपा शुक्रिया
    मंगलवार, 28 अगस्त 2012
    Hip ,Sacroiliac Leg Problems
    Hip ,Sacroiliac Leg Problems
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

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    1. धन्यवाद महोदय; बहुत अच्छा लिखा आपने! पर अफसोस की बात यह है कि माँ की कोख को बेटियों का शमशान बनाने में भी प्राय: किसी दूसरी माँ (नारी) की ही भूमिका रहती है!

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  4. मैम, इँग्लिश पढाते हुए इतनी शानदार हिन्दी

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  5. पौरणिक दृश्यों पर सार्थक हाइकू, वाह !!!!!!

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  6. पौरणिक दृश्यों पर सार्थक हाइकू, वाह !!!!!!

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  7. अ्ब इतने सारे सवालों का जवाब तो कान्हा ही दे सकते हैं।

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