भीष्म तुम भी
देखते रहे सब
क्यों चुपचाप?
वाह रे कृष्ण
सारथी बने तुम
प्रेम के लिए
स्वयं को हार
द्रौपदी को लगाया
कैसे दाँव पे?
युद्ध-भूमि में
कृष्ण दें अर्जुन को
गीता-संदेश
बताना कृष्ण
कौन है तुम्हें प्रिय
राधा या मीरा?
रास रचाते
अब भी मथुरा में
क्या तुम कृष्ण?
निधि-वन में
सुना है आज तक
रास रचाते
निधि-वन में
गोपियों संग कृष्ण
रास रचाते
अभी भी आते
क्या तुम हर रात
निधि-वन में
पाँच पाँडव
जीतें महाभारत
साथ थे कृष्ण
सारथी बन
तुमने अर्जुन का
चलाया रथ
भूली नहीं वो
होना चीर-हरण
लिया बदला
महाभारत
अन्याय के खिलाफ
बिछी बिसात
भूलो ना कभी
होना चीर-हरण
बना मरण
नारी, बेचारी!
द्रौपदी सीता पड़ीं
कितनी भारी
*******
सम्पूर्ण अभिव्यक्ति ...पढ़ना और समझना सुखद रहा ....आभार
ReplyDeleteप्रतिक्रिया और स्नेह के लिए हार्दिक आभार!
Deleteआलोड़ित करती भाव सरणियों को नारी शोषण की पीड़ा और सवालों को कोंचती चली गई हैं तमाम हाइकु .बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteकृपया यहाँ भी पधारें -.
ram ram bhai
रविवार, 26 अगस्त 2012
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
प्रतिक्रिया से मनोबल बढाने हेतु आभार!
Deleteनारी बेचारी !
ReplyDeleteद्रौपदी और सीता !
कितना पड़ी भारी !
बढ़िया बिम्ब चेतावनी ,माँ की कोख को बेटियों का शमशान बनाने वालों को .
द्रुत टिपण्णी के लिए आपा शुक्रिया
मंगलवार, 28 अगस्त 2012
Hip ,Sacroiliac Leg Problems
Hip ,Sacroiliac Leg Problems
http://veerubhai1947.blogspot.com/
धन्यवाद महोदय; बहुत अच्छा लिखा आपने! पर अफसोस की बात यह है कि माँ की कोख को बेटियों का शमशान बनाने में भी प्राय: किसी दूसरी माँ (नारी) की ही भूमिका रहती है!
Deleteमैम, इँग्लिश पढाते हुए इतनी शानदार हिन्दी
ReplyDeleteपौरणिक दृश्यों पर सार्थक हाइकू, वाह !!!!!!
ReplyDeleteपौरणिक दृश्यों पर सार्थक हाइकू, वाह !!!!!!
ReplyDeleteअ्ब इतने सारे सवालों का जवाब तो कान्हा ही दे सकते हैं।
ReplyDeletebejor...
ReplyDeletepanch pandav
jeete mahabharat...
sabse behtareen..