1
हो चला अंत
संवेदनाएं शून्य
इच्छा अनंत
2
यूँ मिटा प्यार
खुद में ही सिमटे
सारे त्यौहार
3
इस दौर में
खुद में संकुचित
हो गए लोग
4
बड़ा आश्चर्य
गला काटते यहाँ
अपने लोग
5
हम तो रहे
अपनों के बीच भी
अज़नबी-से
6
ना रहा अब
कोई त्यौहार खास
मन उदास
*
Thank You for visiting Poetic Oceans.Excellent portrayal of life and human nature in these great Haiku lines.A pleasure to read
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