सारिका मुकेश का ब्लॉग
आपने सही कहा ! प्रेम की पदचाप सुनाई नहीं देती और वह चुपचाप अन्तरात्मा में बस जाता है । बहुत भाव्पूर्ण क्षणिका है ।
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आपने सही कहा ! प्रेम की पदचाप सुनाई नहीं देती और वह चुपचाप अन्तरात्मा में बस जाता है । बहुत भाव्पूर्ण क्षणिका है ।
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