सारिका मुकेश का ब्लॉग
♥ आदरणीया सारिका मुकेश जी सादर सस्नेह अभिवादन ! फिर जन्मीएक लतापली और बढी...और फिर एक दिनलिपट गई वृक्ष सेऔ’ वृक्ष भीकुछ झुक गयाकरने को आलिंगनलता का आहा ! कितना सुंदर दृश्य उपस्थित किया है आपने मिलन का! आपकी रचनाएं मन को छू लेती हैं … बधाई और शुभकामनाओं सहित… - राजेन्द्र स्वर्णकार
Beautifully written. My first visit to your blog and its really wonderful.Have a nice day:)
आपकी प्रतिक्रिया हमारा उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन करेगी...
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आदरणीया सारिका मुकेश जी
सादर सस्नेह अभिवादन !
फिर जन्मी
एक लता
पली और बढी...
और फिर एक दिन
लिपट गई वृक्ष से
औ’ वृक्ष भी
कुछ झुक गया
करने को आलिंगन
लता का
आहा !
कितना सुंदर दृश्य उपस्थित किया है आपने मिलन का!
आपकी रचनाएं मन को छू लेती हैं …
बधाई और शुभकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
Beautifully written. My first visit to your blog and its really wonderful.
ReplyDeleteHave a nice day:)