मैंने सुना है
मृत्यु आती है
दबे पाँव
आना होता है
उसे
जब भी
कभी
किसी ठाँव
उसके पैर नहीं
पड़ते
कहीं भी धरती
पर
और वो जाते
वक्त
ले जाती है
अपने कंधे पर
बिठाकर
तभी तो मृत्यु
के
या जाने वाले के
पदचिह्न नहीं
होते
धरती पर.
कुछ अलग सी रचना ..
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
महोदय, आज बहुत समय बाद आपके दर्शन हुए...आपका हृदय से आभार कि आप पधारे और अपनी स्नेहात्मक प्रतिक्रिया भी दी;-))
Deleteसादर/सप्रेम,
सारिका मुकेश