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Sunday, 28 July 2013

मृत्यु के पदचिह्न नहीं होते



मैंने सुना है
मृत्यु आती है दबे पाँव
आना होता है उसे
जब भी 
कभी किसी ठाँव
उसके पैर नहीं पड़ते
कहीं भी धरती पर
और वो जाते वक्त 
ले जाती है
अपने कंधे पर बिठाकर
तभी तो मृत्यु के 
या जाने वाले के
पदचिह्न नहीं होते 
धरती पर.

                                                 (28.07.2013, 4:40 P.M.)

2 comments:

  1. कुछ अलग सी रचना ..
    शुभकामनायें आपको !

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    Replies
    1. महोदय, आज बहुत समय बाद आपके दर्शन हुए...आपका हृदय से आभार कि आप पधारे और अपनी स्नेहात्मक प्रतिक्रिया भी दी;-))
      सादर/सप्रेम,
      सारिका मुकेश

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