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Monday, 14 May 2012

कविता चली...



हाइकु कविताएं


कविता चली 
लेखक के मन से
पाठक तक

घर से दूर
अक्सर यूँ लगे हो
ज्यों बनवास

पकते फल 
निशाना लगाने को
पुकारते-से

माँ की गोद में
खिलखिलाता बच्चा
जैसे कमल

कविता बही
लेखक के मन से
काग़ज़ पर
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