अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren
सारिका मुकेश का ब्लॉग
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Sunday, 11 March 2012
डेंटिस्ट की दुविधा
डेंटिस्ट ने क्रोधित स्वर में
बेतहाशा हँसते हुए रोगी से कहा
-
अगर तुम शांति से बैठो
तो मैं ढंग से कुछ देखूँ
-
भालूँ
कुछ देर के लिए अपने
ये दाँत निकालना बंद कर दो
तो मैं तुम्हारा दाँत निकालूँ
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