लाख
गिड़गिड़ाए
वो
तुम्हें लाख मनाए
पर
तुम
जरा-सा
भी
विचलित
मत होना
तुम
जैसे ही
विचलित
हुए
फिर
कहाँ कोई
कसर
रह जाती है
जरा-सी
जगह
मिलते ही
गरीबी
आराम से
ज़िंदगी
की
बर्थ
पर
पूरी
तरह से
पसर
जाती है ∙
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