अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren
सारिका मुकेश का ब्लॉग
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Saturday, 5 November 2011
साथ-साथ रहने का सुख
दूर
रहकर ही
चलता है
पता
साथ-साथ
रहने के
सुख का
जो कभी
दूर नहीं रहे
वो नहीं
जान सकते
इसकी महत्ता
सच्चे अर्थों में ∙
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