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Saturday 6 July 2013

5 हाइकु


 
माँ की गोद में
यूँ खिल उठा बच्चा
जैसे कमल
    ***
बच्चा करता
ज़िद चाँद छूने की
अपने हाथों
    ***
रूप सलौना
भाए मन सबके
सदा-सदा से
    ***
खिलता पुष्प
आकर्षित करता       
अपनी ओर
    ***
पके फल पे
चारों ही तरफ से
लगें निशाने

    ***

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (07-07-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/“ मँहगाई की बीन पे , नाच रहे हैं साँप” (चर्चा मंच-अंकः1299) <a href=" पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. . बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...

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  3. मैं भी कितना भुलक्कड़ हो गया हूँ। नहीं जानता, काम का बोझ है या उम्र का दबाव!
    --
    पूर्व के कमेंट में सुधार!
    आपकी इस पोस्ट का लिंक आज रविवार (7-7-2013) को चर्चा मंच पर है।
    सूचनार्थ...!
    --

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  4. बहुत सुन्दर सार्थक हाइकु...

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