क्यों भूले सत्य
भूल गये ईश्वर
अहंकार में
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रखा काँटों ने
फूलों को बचाकर
क्रूर हाथों से
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घटेंगे दुःख
बाँटने से सदैव
बढें खुशियाँ
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सीमित शब्दों में गहरी बातें...शुक्रिया।
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