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Sunday, 3 February 2013

नदी से बनो




पहले सदा
सोचो, परखो, तोलो
तो कुछ बोलो

        ***

नदी से बनो
औरों के काम आओ
ऊँचे से बहो

      ***

वाणी हो मीठी
बनो सबके प्रिय
जैसे कोयल

        ***

2 comments:

  1. खूबसूरत हाइकु ..... सम्मान के लिए बधाई

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  2. वाह सटीक हाइकु

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