तमाम आँधी और तूफानों में भी खडा रहूँगा मैं अपनी जगह पर दृढता से वृक्ष बनकर तुम निश्चिंत होकर लिपट जाओ मुझसे एक लता बनकर बहुत सुंदर कविता है … आभार !
# आपकी बहुत सारी कविताएं पढ़ीं … बच्चियों वाली कविताएं बहुत पसंद आईं , साक्षरता वाली और भी अच्छी ! बच्ची पशुओं को चराने जाती है … और पढ़ने में लीन हो जाती है … :) तमाम कविताओं के लिए बधाई और साधुवाद !
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आदरणीया सारिका मुकेश जी
सस्नेहाभिवादन !
तमाम आँधी
और तूफानों में भी
खडा रहूँगा मैं
अपनी जगह पर
दृढता से
वृक्ष बनकर
तुम निश्चिंत होकर
लिपट जाओ मुझसे
एक लता बनकर
बहुत सुंदर कविता है … आभार !
# आपकी बहुत सारी कविताएं पढ़ीं …
बच्चियों वाली कविताएं बहुत पसंद आईं , साक्षरता वाली और भी अच्छी !
बच्ची पशुओं को चराने जाती है … और पढ़ने में लीन हो जाती है …
:)
तमाम कविताओं के लिए बधाई और साधुवाद !
मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार