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Thursday, 6 March 2014

एक हाइकुनुमा कविता









न हो हताश
डूबकर उगता
फ़िर से सूर्य
***

सभी मित्रों को सुप्रभात :-))

(चित्र: गूगल से साभार)




1 comment:

  1. बहुत खूब ... सूरज उगता है जरूर .. ऊर्जा देते भाव ....

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