शुभ-संध्या
आपे में ही खो गया अब इतना यह संसार
धन्यवाद तक से नहीं व्यक्त करते लोग उदगार
करते लोग उद्गार ना करना किसी की इज़्ज़त जानें
दो तुम उनको इज़्ज़त तो वो खुदा खुद को मानें
कहें मुकेश कविराय, ना व्यर्थ में समय गंवाओ
ख़ुद पर रखो ध्यान अब ना दूजे पे निगाह गड़ाओ...
|
(चित्र गूगल से साभार) |
No comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रिया हमारा उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन करेगी...