हर तरफ़ मारा-मारी 
दब-दब कर
घुट-घुट कर 
जीने की लाचारी 
हर चीज़ के रोज बढ़ते दाम 
कमरतोड़ महंगाई 
भ्रष्टाचार और घोटालों की 
ये कैसी बाढ़ आई 
कुछ विशेष तो जेड सिक्यूरिटी में 
पर आम आदमी के लिए  
असुरक्षा, अराज़कता 
और भय का माहौल 
आज़ादी के नाम पर
यह कैसा मखौल?
बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसच ही कहा आपने, यह मखौल ही तो है.
ReplyDeleteरामराम.