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Monday, 26 August 2013

आज के दौर में-2



पर्याय प्रेम का हो गया, अब पैसा और सेक्स
जो जितना समृद्ध  है,  उतना उसका सेंसेक्स
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जिनको  अंकल मानकर, लड़की  करती बात
सपने  वो देखा करें, अब उसके ही दिन-रात
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सच पूछो तो मिट गया, बहन-भाई का प्यार
हर रिश्ते  में होने लगा, अब तो बस व्यापार


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2 comments:

  1. बहुत सही लिखा, आजकल प्यार और रिश्ते भी व्यापार ही तो हैं.

    रामराम.

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  2. इस दौर में आदमी आदमीयत से ही दूर होता जा रहा है !

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