जीवन एक पहेली
कहाँ समझे
जीवन का रहस्य
हम ता-उम्र
***
कहाँ
सुलझी
जीवन की पहेली
यहाँ किसी से
***
ये
जग मिथ्या
फिर क्यों आते हम
यूँ बार-बार
***
तीनों हाइकु में जीवन के साक्षी भाव. बहुत सुन्दर. शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआभार एवं शुभकामनाएँ!!
Deleteसुंदर हाइकू , शिवरात्रि की शुभकामनायें
ReplyDeleteआभार एवं आपको भी शुभकामनाएँ!!
Deleteसुंदर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteहार्दिक आभार!
Deleteबढिया हाइकु
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