जीवन-दर्शन
दो मीठे बोल
जीवन नहीं कुछ
साँसों का खेल
***
सुल्तान को भी
मरने पर मिली
दो गज जमीन
***
पूरी हो साँस
जाए हरि के पास
बिना प्रयास
***
ReplyDeleteसच जाने के बाद दो मीठे बोल ही याद करते हैं सभी ..
बहुत बढ़िया जीवन दर्शन से भरे हायकू ...
आदरणीया सारिका जी,
ReplyDeleteनमस्कार
आपका ईमेल मुझे मिला था, मगर वो शायद किसी अलग नाम से होगा.. आपसे बिनती हैं कि ईमेल आई.डी. दीजिए...
आपने नव्या पर रखे मेरे पक्ष को आपके ब्लॉग के पाठकों से साझा किया उसके लिए मैं आभारी हूँ ..
पंकज त्रिवेदी
सन्देशप्रद हाइकु, शुभकामनाएँ.
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