तुम्हारी याद
देतीं दस्तक
मस्तिष्क-पटल पे
कीमती मोती
खिले कमल
हों चाहे जैसी
तुम्हारी यादें
हुआ जीवंत
अतीत का टुकड़ा
बन के याद
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ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुती
मेरी नई रचना
ये कैसी मोहब्बत है
खुशबू
धन्यवाद!
Deletekhubsurat haiku....saari yaadon se juri hui..
ReplyDeletebehtareen. :)
सुंदर!
ReplyDeleteआभार!
Deleteबहुत ही सुन्दर हैकू की प्रस्तुति,सादर आभार.
ReplyDeleteमंगलवार 12/03/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!
सार्थक और सुंदर रचना .....
ReplyDeleteआप भी पधारो स्वागत है ...
http://pankajkrsah.blogspot.com
धन्यवाद!
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ReplyDeleteसादर जन सधारण सुचना आपके सहयोग की जरुरत
साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )