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Monday, 10 February 2014

सुप्रभात :-))






सब हृदय से तेरे आभारी हैं ओ मेरे भगवान
हर रोज सुबह के रूप में तू जो देता है वरदान.....


सुप्रभात :-))

 
चित्र गूगल से साभार 

6 comments:

  1. There is no reason to distrust existence of God, no limit to believe him, only difference is the form of God .....Nirvikaar or saakaar ......God is great .

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  2. चर्चा मंच में स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार:-))

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  3. बिलकुल सही ...
    सुन्दर भाव!

    ~सादर

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