अंतर्मन की लहरें Antarman Ki Lehren
सारिका मुकेश का ब्लॉग
Labels
English Poetry
(1)
आगामी संग्रह
(20)
एक किरण उजाला (काव्य-संग्रह)
(16)
कविता
(106)
खिल उठे पलाश (काव्य-संग्रह)
(21)
पानी पर लकीरें (काव्य-संग्रह)
(22)
पुस्तक समीक्षा
(7)
विविध
(22)
शब्दों के पुल
(19)
सम्मान
(1)
हथेली में चाँदनी
(7)
हवा में शब्द
(1)
हाइकु
(55)
हिंदी कविता
(133)
हमारे लिए ऊर्जा के परम-स्रोत...
Thursday, 23 January 2014
रामायण पर तीन हाइकु
करने पूरा
पिताजी का वचन
वो गए वन
***
ये मानो लला
मुकद्दर का लिखा
ना टाले टला
***
पंचवटी से
माँ सीता का हरण
करे रावण
***
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
24 January 2014 at 11:21
बहुत सुंदर !
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
आपकी प्रतिक्रिया हमारा उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन करेगी...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत सुंदर !
ReplyDelete