ॐ
अलविदा 2013..............शुभागमन 2014
वर्ष 2013 दरवाजे पर जाने को आतुर खड़ा है...
इस वर्ष ने हमें कितना रुलाया पर हँसाया भी
इस वर्ष ने हमने कितना कुछ खोया पर पाया भी
इस वर्ष में कितने ही ख़्वाब रह गए अधूरे
इस वर्ष में कितने ही हसीं स्वप्न हो गए पूरे
इस वर्ष में कितने ही अज़नबी बन गए अपने
इस वर्ष में हमने बुने कितने ही नए सपने
इस वर्ष में कितनों के ही सिंहासन डोले
इस वर्ष ने ना जाने कितनों के राज़ खोले
इस वर्ष में कितने ही आम आदमी बन गए खास
कितने ही जीवन में हुए फेल कितने ही हुए पास
इस वर्ष में ना जाने कितने हुए परिवर्तन
इस वर्ष में कितने ही कर गए पलायन
और भी ना जाने कितना कुछ इस वर्ष में घटा है
कितनी ही संभावनाओं पर से तम औ’ कोहरा छंटा है
अगर हम गौर से देखें तो बंजारों की तरह आता है
हर वर्ष
जो हमारे साथ हमारे बीच एक वर्ष रह कर लौट जाता
है
हम अपनी सारी सफलता, असफलता, हर्ष और विषाद
उसके संग जोड़कर करते हैं फिर सदा उसको याद
पर ये सब होता है हमारी क्रिया-प्रतिक्रियाओं का
लेखाज़ोखा
पर हम सब कुछ उसके मत्थे मढ़कर करते हैं उससे
धोखा
सच तो यही है दोस्तों कि हर ‘वर्ष’
ईश्वर की ओर से दिया गया
हमें एक स्वर्णिम अवसर है;
कुछ कर दिखाने का
आकाश को छू लेने का
आकाश हो जाने का ...
आईये, चलिए हम
अपने गुज़रे वर्ष का आँकलन करें
और स्वागत करें
द्वार पर दस्तक देते हुए
नव-वर्ष 2014 का
जो नवजात शिशु की तरह
किलकारियाँ मार रहा है
और हमारी गोद में आने को आतुर है...
“नव-वर्ष आपको हमको एवं इस समस्त चर/अचर जगत
के लिए मंगलमय हो”
सादर/सप्रेम,
सारिका मुकेश
30.12.2013
भावपूर्ण रचना ...
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष की मंगल कामनाएं ...
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteआपको भी सपरिवार शुभ हो नया साल !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (31-12-13) को "वर्ष 2013 की अन्तिम चर्चा" (चर्चा मंच : अंक 1478) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
2013 को विदायी और 2014 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (31-12-13) को "वर्ष 2013 की अन्तिम चर्चा" (चर्चा मंच : अंक 1478) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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2013 को विदायी और 2014 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'