नया सवेरा नयी उमंगे नया जोश भर जाए, सूरज अपनी स्वर्णिम आभा तुम पर खूब लुटाए! कोयलिया भी तुमको अपने मीठे गीत सुनाए, जो भी होवे कामना तुम्हारी वो पूरी हो जाए! सुप्रभात! आपका दिवस मंगलमय हो!! ******
हमारी इस पोस्ट को स्नेहात्म्क प्रतिक्रिया और साथ ही "मंगलवारीय चर्चा --1308--- भुंजे तीतर सा मेरा मन में" पर स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार! सादर/सप्रेम, डॉ. सारिका मुकेश
आपकी यह रचना कल मंगलवार (16-07-2013) को ब्लॉग प्रसारण : नारी विशेष पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteब्लॉग प्रसारण : नारी विशेष में हमारी इस पोस्ट को स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार!
ReplyDeleteसादर/सप्रेम,
डॉ. सारिका मुकेश
हमारी इस पोस्ट को स्नेहात्म्क प्रतिक्रिया और साथ ही "मंगलवारीय चर्चा --1308--- भुंजे तीतर सा मेरा मन में" पर स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार!
ReplyDeleteसादर/सप्रेम,
डॉ. सारिका मुकेश
ReplyDeleteबढ़िया शुभकामनाएं !
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