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Friday, 22 March 2013




कैसे-कैसे सच


ना बन सका
हमसे कोई मीत
बेसुरे गीत

       *** 

डसा करते
आस्तीनों में रह के
अब तो मित्र

       ***  

जिंदगी तुझे
सजा समझा किए
हम बरसों

       ***  

3 comments:

  1. तीनों हाइकु एक से बढ़ कर एक अति सुंदर आपको बधाई|आप मेरे ब्लॉग पर आई जिससे मुझे आपके इस सुंदर ब्लॉग का पता चला हृदय से आभार आपका ब्लॉग फॉलो कर लिया है |

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  2. भावपूर्ण हाईकु...
    ~सादर!!!

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  3. ला-जवाब" जबर्दस्त!!हाइकु

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