यादों का संसार है आदमी
शांत मन में
बुलबुले-सी उठीं
सहसा यादें
***
अतीत से आ
भुलाती वर्तमान
दिखाए स्वप्न
***
यादें प्रेम की
इंद्रधनुष जैसी
हों सतरंगी
***
तुम्हारी याद
ह्रदय की सीप
में
मोती के जैसी
***
इस जग में
मीठी याद के
जैसा
कुछ ना मिला
***
और ना कुछ
है यादों का
संसार
बस आदमी
***
बन के याद
मैं बसूँ ह्रदय
में
प्रियतम के
***
सभी हाइकू अर्थ समेटे हुए अच्छे लगे बधाई ......
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