हमारे पूर्व प्रधानमंत्री,
कवि, पत्रकार और एक कुशल वक्ता माननीय
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की इन पंक्तियों पर आज एकाएक ही मेरी नज़र पड़ी तो
सोचा नव-वर्ष के अवसर पर आज इन्हें यहाँ आप सबसे साझा कर लिया जाए:
दिन जाते देर
नहीं लगती,
देखते-देखते एक वर्ष बीत गया;
लंबी प्रतीक्षा का वर्ष,
कठिन परीक्षा का वर्ष;
आपका विश्वास, हमारे प्रयास;
कालिमा छँटने लगी है,
निराश मन में नई आशा जगी है;
सभी सपने साकार करना है,
मिलकर रास्ता पार करना है;
आइए,
संकल्प दोहराएँ,
नई सदी को भारत की सदी बनाएँ। (श्री अटल बिहारी वाजपेयी)
देखते-देखते एक वर्ष बीत गया;
लंबी प्रतीक्षा का वर्ष,
कठिन परीक्षा का वर्ष;
आपका विश्वास, हमारे प्रयास;
कालिमा छँटने लगी है,
निराश मन में नई आशा जगी है;
सभी सपने साकार करना है,
मिलकर रास्ता पार करना है;
आइए,
संकल्प दोहराएँ,
नई सदी को भारत की सदी बनाएँ। (श्री अटल बिहारी वाजपेयी)
सुंदर !
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता है \ईमानदार संकल्प !
ReplyDeleteनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !