पूरी
वो करती रहे दिन
भर सबकी बात,
सदा
ही वो खटती रहे दिन होवे या रात!
सुबह
से लेकर रात तक तनिक चैन ना पाय,
माँ
तो
मानो हो गयी बस सेवा का पर्याय!
जब
भी मुझको आती है गोबर की कहीं गंध,
उसमें
छिपी दिखती है सदा माँ की मुझे सुगंध!
माँ
के जैसा गुरु
कहाँ माँ के जैसा प्यार,
माँ
के चरणों ही
तले बसे स्वर्ग
का द्वार!
सुन्दर दोहे ... माँ की स्मृति लिए ... मधुर एहसास लिए ...
ReplyDeleteमाँ के चरणों में स्वर्ग होता है ...
मां ऐसी ही होती है, बहुत ही सुंदर.
ReplyDeleteरामराम.
माँ को सम्मान देने वाले लोगों से मिलना अच्छा लगता है !
ReplyDelete