बाँटने थे हमें
सुख-दुःख
अंतर्मन की
कोमल भावनाएं
शुभकामनाएं और अनंत प्रेम
पर हम
बँटवारा करने में लग गए
जमीन पानी आकाश हवा
और
लड़ते रहे
उन्हीं तत्वों के लिए
जो अंततः
साबित हुए मूल्यहीन