1
हो चला अंत
संवेदनाएं शून्य
इच्छा अनंत
2
यूँ मिटा प्यार
खुद में ही सिमटे
सारे त्यौहार
3
इस दौर में
खुद में संकुचित
हो गए लोग
4
बड़ा आश्चर्य
गला काटते यहाँ
अपने लोग
5
हम तो रहे
अपनों के बीच भी
अज़नबी-से
6
ना रहा अब
कोई त्यौहार खास
मन उदास
*